यूवा सन्यासी ने क्यों कहा मोरारी बापू अपने आप को साधू , संत कहना बंद करो आप कथा वाचक नही , अपने जरुरत के अनुसार गाने वाले गवइया मात्र हो : स्वामी रामशंकर (डिजिटल बाबा )
स्वामी रामशंकर (डिजिटल बाबा ) ने कहा मुरारी बापू आप न तो सन्त है न ही भगवान के भक्त है क्योकि भगवान का भक्त भगवान को जाने न जाने पर अपनी औकात जनता है प्रभुभक्त अपने भगवान के लौकिक व्यवहारों पर ध्यान नही देता वो तो ईश्वर के द्वारा दिये गये ज्ञान पर एकाग्र हो कर जीवन कल्याण के मार्ग पर चलता है । और हा खुद को अपने मुख से बार बार साधू कहना बन्द करो तुम कथा वाचक भी नही हो केवल अपने जरूरत के अनुसार गाने वाला एक गवइया मात्र हो!
जिसे गाने की भी समझ नही है क्योकि गोस्वामी तुलसी दास जी ने पहले ही कह दिया कैसे गान करना है
" जे गावहि यह चरित संभारे। तेइ एहि ताल चतुर रखवारे''
चतुर का मतकब विवेकी होना बहुत जरूरी है तोते के समान शास्त्र निहित घटना क्रम को एकांश में देखते हुये उसे आधार बना कर प्रभु पर प्रश्नचिन्ह उठाना कि धर्म स्थापना हेतु जिनका आगमन हुआ वो अपने ही लोगो मे उस धर्म को स्थापित नही कर सका!
धार्मिक आडंबरों को तोड़ते हैं स्वामी रामशंकर (डिजिटल बाबा)
- बाबा धर्म में फैले आडंबर और पाखंड पर ज़ोरदार प्रहार करते हैं। हर विषय पर बेबाकी से निःसंकोच होकर अपनी राय रखते हैं। डिजिटल बाबा की कार्यशैली और व्यक्तित्व में सबसे खास बात यह दिखी कि चौराहे पर खड़े होकर युवाओं, बच्चों व श्रद्धालुओं से मुखातिब होकर धर्म, आध्यात्म, भारतीय दर्शन, जीवनमूल्य और सनातन शास्त्रों के बारे में चर्चाएं करते रहते है ।
- बाबा धर्म में फैले आडंबर और पाखंड पर ज़ोरदार प्रहार करते हैं। हर विषय पर बेबाकी से निःसंकोच होकर अपनी राय रखते हैं। डिजिटल बाबा की कार्यशैली और व्यक्तित्व में सबसे खास बात यह दिखी कि चौराहे पर खड़े होकर युवाओं, बच्चों व श्रद्धालुओं से मुखातिब होकर धर्म, आध्यात्म, भारतीय दर्शन, जीवनमूल्य और सनातन शास्त्रों के बारे में चर्चाएं करते रहते है ।
अबे मूर्ख भगवान कृष्ण के समान कौन होगा जिन्होंने समाज कल्याण हेतु अपने ही वंश का सर्वनाश कर दिया ऐसे कृष्ण को कटघरे में खड़ा करने वाले ईश्वर करे तुम्हे जबानी लकवा हो जाये ताकि तुम अपने बिगड़े बोल से दुबारा ऐसा निकृष्ट वचन न बोल सको
मुरारी बापू आप केवल और केवल सनातनी लोगो को छलने वाले धर्म के सौदागर हो एक दो नही अनगिनत वीडियो में तुम बोल चुके हो आपने भीतर की मंशा को खोल के सबके सामने रख चुके हो अबे तुमको दान मिलता है सनातनियो से और तुम उसका दान करोगे मौलवियों के मदरसों को।
तुम्हारे गुरुकुल में बच्चे जाते है सनातन शास्त्र और सनातन आराधना की समझ प्राप्त करने और तुम उन्हें नमाजी लोगो से नमाज की ध्वनि सुना कर पवित्र करने की सोच रखते है मुझे एक बात बता आज तक किसी मदरसे में जा कर राम कथा सुनाये हो किसी मौलवी ने तुम्हारी रामकथा कराई है नही न ये बिडम्बना है कि भेड़ चाल के समान अनुसरन करने वाले श्रद्धालु तुम्हारे स्वरूप को समझ नही सके पर अब समझ चुके है और सुनो कोई भी मुसलमान कुरान के दोषों को दोष समझता ही नही न कभी उसके विरोध में जा कर बकबक करता है और एक तुम हो जो सत्यवादी कलियुग राजा हरिश्चन्द्र बनने की कोशिश कर रहे हो!
कृष्ण के जीवन उनके ईश्वरत्व पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर रहे हो। अबे वंश नाशक, परम्परा नाशक, तुम विवेकहीन हो क्या ?
स्वामी रामशंकर कहते हैं- हम युवाओं को ज्ञान देने की जगह उनसे मैत्री भाव स्थपित करते हैं। यह एक बड़ी बिडंबना है कि धर्म और आध्यात्म से होने वाले आर्थिक लाभ के कारण बहुतायत की संख्या में लोगों ने इस विधा को व्यवसाय बना लिया है। कथा-प्रवचन और योग-ध्यान जैसी चीज़ें सेवा, परोपकार, जन-कल्याण और आत्म-कल्याण के विषय हैं लेकिन निजी स्वार्थ के कारण इन बातों को दरकिनार करते हुए लोगों ने इसे व्यवसाय बना दिया है।
स्वामी रामशंकर कहते हैं
- हम युवाओं को ज्ञान देने की जगह उनसे मैत्री भाव स्थपित करते हैं। यह एक बड़ी बिडंबना है कि धर्म और आध्यात्म से होने वाले आर्थिक लाभ के कारण बहुतायत की संख्या में लोगों ने इस विधा को व्यवसाय बना लिया है। कथा-प्रवचन और योग-ध्यान जैसी चीज़ें सेवा, परोपकार, जन-कल्याण और आत्म-कल्याण के विषय हैं लेकिन निजी स्वार्थ के कारण इन बातों को दरकिनार करते हुए लोगों ने इसे व्यवसाय बना दिया है।
शास्त्र की बातों को शब्दसः तोते की तरह बोलने वाले रट्टू कथा वाचक, शास्त्र-पुराण पर बात करते समय अपने विवेक का प्रयोग करते हुऐ विषय का प्रसार करना चाहिये इतना तो तुम्हे भी पता होगा, पर इस बात का ख्याल नही रखोगे इसका एक सबसे बड़ा कारण है कि तुमको अनाप शनाप बोलने से कोई रोकने वाला नही है न ही तुमको इस बात का डर है कि तुम्हारा कोई कुछ बिगाड़ उखाड़ सकेगा। तुम अपने किये की माफी मांगते समय जो आंसू टपकाये ये भी तुम्हारी प्रभावशाली चाल हैं खैर रोना तुम्हारी मजबूरी है रोकर माफी मांगने से आदमी का दिल जल्दी पिघल जाता है मनुष्य माफ कर देता है। मैंने भी देखते वक्त तय किया कि अब तुम्हे माफ कर देना चाहिये लेकिन तुम माफ करने योग्य नही हो, तुम्हारे जैसे लोगो के लिये एक ही उपाय है बजाते रहो बजाते रहो जब तक जीवित है तब तक तुम्हरे पीछे कोई पड़ा रहेगा तब तुम नियंत्रण में रहोगे नही तो पुनः निरंकुश हो कर अपना मनमुखी प्रवचन कर लोगो के दिमाग मे मिलावटी प्रवचन भरते रहोगे ये तुम्हारी माफी मांगने की अदा में ही निश्छलता का आभव है हद तो आज हो गयी जब तुम्हारा एक पिछलग्गू चेला कोई जिंदल है आज यूट्यूब के चैनल पर ये साबित करने में लगा दिखा की मुरारी बापू निर्दोष है। अबे तुम मुरारी बापू गुनहगार ही नही तुम मानसिक रोगी हो!
बचपन से ही जीवन को समझने की जिज्ञासा थी स्वामी रामशंकर को -
डिजिटल बाबा दिखने में इतने आकर्षक हैं कि जिस जगह से गुज़रते हैं, वहां के लोगों को अपना दिवाना बना लेते हैं। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पले-बढ़े इस युवा संत में जीवन को जानने-समझने की दिशा में बचपन से ही प्रबल जिज्ञासा व्याप्त थी।
गोरखपुर विश्वविद्यालय से बी.कॉम की पढ़ाई करने के दौरान संसार की लौकिक उपलब्धियों से हटकर आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर हो गए। वर्ष 2008 नवम्बर में अयोध्या के लोमश आश्रम के महंत स्वामी शिवचरण दास महाराज से दीक्षा प्राप्त कर वैरागी बन गए, जिन्हें आज हम स्वामी राम शंकर के नाम से जानते हैं।
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