राप्ती नदी तबीही मचाने की ओर से तेजी से बढ़ रही है। जलस्तर खतरे के बिंदु से एक मीटर छह सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। 1998 की प्रियालेंक बाढ़ में नदी का जलस्तर 77.54 मीटर था। वर्तमान में यह नदी 7.5 मिलीमीटर प्रतिघान्टे की वृद्धि से बढ़ रही है।
महराजगंज जनपद के फरेंदा तहसील के धानी में मंडलायुक्त पंहुच कर राप्ती नदी के जलस्तर को देखने के बाद क्षेत्र के लोगो को बाढ़ से बचाव के लिए तटबंध का निरीक्षण कर विभागीय अधिकारियों से जानकारी लेने के बाद बचाव की जिम्मेदारी सौंप दिया है । लापरवाही मिलने पर संबंधित विभाग पर कार्रवाई भी करने का फरमान जारी किया है।
बुधवार को दिन में गोरखपुर मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर व महराजगंज के डीएम डॉ उज्जवल कुमार फरेंदा तहसील के धानी क्षेत्र में बहने वाली राप्ती नदी के जलस्तर को देखने के बाद स्थानीय लोगों का बाढ़ से बचाव के लिए समस्या जाना । मंडलायुक्त ने रैनकट होल के भी संबध में जानकारी लिया ।तटबंध का भी मौके पर निरीक्षण किया ।क्षेत्र के लोगों से बाढ़ व कटान से भी संबधित जानकारी लिया ।मौके उपस्थिति अधिकारियों को निर्देश दिया है कि तटबंध का कटान का कटान किसी भी हालत में नहीं होना चाहिए । राप्ती नदी के बाढ़ से बचाव हर हाल में होना चाहिए ।अगर तटबंध का कटान हुआ तो संबंधित विभाग के अधिकारी जिम्मेदार होंगे ।
मंडलायुक्त गोरखपुर ने धानी में राप्ती नदी का जलस्तर देखा ;बाढ़ से बचाव के लिए अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश
Reviewed by ZERO GROUND NEWS
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Wednesday, July 29, 2020
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