जुगाड़ू गाड़ी लगा रहा राजस्व को चूना
पुलिस समेत वरिष्ठ अधिकारी बने मुक
डीजल से चलने वाली यह गाड़ी वातावरण में काफी प्रदूषण फैलाता है।
- - जुगाड़ गाड़ियों से यातायात संचालन में काफी परेशानियां आती हैं।
- - इन गाड़ियों पर लंबी रॉड, बांस जैसे सामान भीड़ में भी ढोए जाते हैं।
- - बेल्ट के सहारे चलने के कारण ब्रेक भी देर से लगता है, जो खतरनाक है।
- - पंजियन नहीं होने के कारण हादसे के बाद भी चालक कानून से बच जाते हैं।
- - पीड़ित व्यक्ति को मुआवजे का भी लाभ नहीं मिल पाता है।
दर्शक कभी भी हो सकता है बडी दुघर्टना जिमेदार होगा कौन।।एक तरफ प्रशासन पूरे शहर में वाहन चेकिंग अभियान चला रहा है वही शहर में तमाम ऐसे जुगाड़ू वाहन फर्राटा मारते हुए घूम रहे हैं जिसका ना तो रजिस्ट्रेशन है ना ही उस वाहन का प्रदूषण सर्टिफिकेट और ना ही कोई इंश्योरेंस है और यह वाहन पुलिस के सामने से फर्राटा भरते हुए गुजर जाता है लेकिन इसकी कोई भी चेकिंग नहीं होती हैं ऐसे में प्रशासन चुप्पी यह दर्शाती है किस शहर में कई वाहन चोरी हो चुके हैं और कट कर इस तरह के गाड़ी को भेजा जा रहा है गरीबों के लिए थोड़ी सहूलियत तो जरूर है कि उन्हें परिश्रम से थोड़ी मुक्ति मिलती है और सामान को जल्द ही बिना मेहनत के वह पहुंचा देते हैं लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि यह वाहन कहां से आया इसका मालिक कौन है इसका रजिस्ट्रेशन है या नहीं है इसका जिम्मेवार कौन।ऐसी ही एक जुगाडू गाडीं प्रघानमंत्री जी के ससदीयं क्षेत्र के जिला मुख्यालय पर भी देखने को मिला जब गाडी चलाने वाले टाईबर से पुछा गया तो उसने बताया कि साहब कैसे तो शहरो मे क ई गाडियां है।।
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