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नेपाल के रास्‍ते पहुंच रही जाली नोटों की खेप?क्‍यों बढ़ा खुफिया एजेंसियों का शक

 



गोरखपुर | नोटबंदी के करीब तीन साल तक तो सब कुछ ठीक था पर अब एक बार फिर फेक करेंसी बाजार में आने से खुफिया एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। पुलिस ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। यह नोट कहां से आ रहे हैं यह अभी पता नहीं चल पाया है। पकड़े गए महज बिचौलिए हैं असली खिलाड़ी पुलिस की पकड़ में अब तक नहीं आए हैं पर आशंका है कि ये नोट भारत-नेपाल सीमा या फिर आजमगढ़ की तरफ से आ रहे हैं।

नकली नोटों से जुड़े तीन मामले अब तक गोरखपुर में ही सामने आ चुके हैं। खास बात यह है कि तीनों मामले दक्षिणांचल में ही पकड़े गए हैं। इनमें पुलिस ने कार्रवाई भी की है जाली नोट के साथ आरोपितों को गिरफ्तार भी किया लेकिन जाली नोट के स्रोत तक नहीं पहुंच पाई है। नकली नोट से जुड़ा पहला मामला अगस्त 2019 में कौड़ीराम सामने आया था। ताजा मामला 11 दिसम्बर 2020 को सकरीगंज में सामने आया है। इसी साल गगहा में भी फेक करेंसी से जुड़ा मामला सामने आया था।

कौड़ीराम कस्बे में अगस्त 2019 में पारस गुप्ता की दुकान पर 200 रुपए की नकली नोट चलाते दो बच्चे पकड़े गए थे। पकड़े गए दोनों बच्चों के पास से करीब एक हजार रुपये के नकली नोट मिले थे। उनकी पहचान सिकरीगंज थाने के रानीपुर निवासी (12) और (13) साल के बच्चों के रूप में हुई थी। इस मामले में बांसगांव पुलिस ने आईपीसी की धारा 489 बी और 489 सी के तहत मुकदमा दर्ज किया था। न्यायालय ने दोनों आरोपियों को बाल सुधार गृह भेज दिया है। जांच में जुटी पुलिस ने बाद में दो महिला समेत 3 लोगो को गिरफ्तार किया है।

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