प्रवासी महिला भारत नेपाल बॉर्डर पर दिया बच्चे को जन्म स्थानीय लोगों ने बच्चे का नाम रख दिया
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के गांव छाला पृथ्वीपुरवा निवासी लालाराम अपनी पत्नी जामतारा व बच्चों के साथ नेपाल के नवलपरासी जिले में एक ईंट बनाने की फैक्ट्री में काम करते थे। लेकिन लाकडाउन की वजह से फैक्ट्री बंद पड़ गई। जिससे वह लोग बेरोजगार हो गए। इस संक्रमण काल में रोजी रोटी का संकट झेल रहे लोग अपने घरों को लौट रहे हैं।
वहीं लाकडाउन की घोषणा के बाद नेपाल व भारत की सरहदें सील कर पब्लिक मोमेंट्स पर पूरी तरह रोक लगा दी गई थी। जिसके कारण श्रमिक परिवार नेपाल में ही फंसा रहा। वही कुछ दिन पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल सरकार से बातचीत के बाद भारतीय नागरिकों को लाने का फैसला किया। जिसके तहत हर रोज सैकड़ों की संख्या में नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों को महराजगंज जिले के सोनौली रास्ते भारत में लाया जा रहा है और सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है। इसी बीच आज सुबह भारत में प्रवेश करने के लिए लालाराम व उनकी गर्भवती पत्नी जामतारा अपने बच्चों के साथ सोनौली सीमा पर पहुंची तभी अचानक नोमैंस लैंड पर ही प्रसव पीड़ा हुई जिसके बाद आसपास की महिलाओं ने मदद का हाथ बढ़ाते हुए कपड़े का घेरा बनाकर महिला की डिलीवरी कराई जिसमें उसने एक बच्चे को जन्म दिया। हुए बच्चे का नाम स्थानीय लोगों ने बॉर्डर रखा है।
वही बच्चे के जन्म के बाद मौके पर मौजूद पुलिस ने जच्चा एवं बच्चे को फौरन सरहद के ही समीप नौतनवा के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। जहां दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। अस्पताल में देखभाल कर रही स्टाफ नर्स ने बताया कि जच्चा बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं।






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