भाभा यूनिवर्सिटी में 'करो योग रहो निरोग' थीम पर आधारित ऑनलाइन योग सेशन का आयोजन किया गया
रिपोर्ट - अजय अग्रहरी
- भाभा यूनिवर्सिटी प्रिंसिपल आर. के. पुनेकर के देखरेख में ऑनलाइन योग दिवस मनाया गया इस दौरान बच्चों एवं स्टाप सदस्यों ने ऑनलाइन योग कार्यक्रम में लिया हिस्सा
मध्य प्रदेश - भोपाल के भाभा यूनिवर्सिटी में विश्व योग दिवस के मौके पर 'करो योग रहो निरोग' थीम पर आधारित ऑनलाइन योग सेशन का आयोजन किया गया। प्रिंसिपल डॉ0 आर. के. पुनेकर जी ने बताया कि भारत सरकार की हिदायतों को देखते हुए कोरोना महामारी के कारण ऑनलाइन योग सेशन आयोजित किया। भाभा यूनिवर्सिटी के H . O. D .ऋषिकेश शर्मा जी ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। मुख्य अतिथि डॉ0 श्याम पाटकर और योग के एक्सपर्ट डॉ0 लखन गुरु ने जीवन में योग के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कैसे हमरे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में योग सहायत सिद्ध होता है। स्टाप और विद्यार्थियों ने अपने घरों में योगाभ्यास किया। सेशन के आयोजन में अभिषेक कुमार सेन , अजय शाक्य व अन्य स्टाप ने सहयोग किया।
छठा इंटरनेशनल योग दिवस रविवार को मनाया गया। कोरोना के कारण लोगों ने घरों में रहकर योग क्रियाएं कीं। अपने अपने घरों में ही इंटरनेशनल योग दिवस मनाते योग करने की अपील की भाभा यूनिवर्सिटी के सभी स्टाप व छात्र ने ऑनलाइन विडियो के माध्यम से योग के आसन किए। योगएक्सपर्ट डॉ0 लखन गुरु ने लोगों से अपील की कि इस महामारी से बचाव के लिए वे रोजाना योग आसन कर अपने आपको फिट रखें और डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।
योग करने से क्या क्या फायदा होता है
- योग आध्यात्मिक प्रक्रिया है, यह मन, शरीर, इन्द्रियों को व्यवस्थित करना सिखाता है, योग जीवन जीने की कला है। इंद्रियों से कैसे व्यापार करें। समाज में कैसे रहें। योग सिर्फ आसन नहीं है। जहां तन हो वहीं मन का होना ही योग की शुरुआत है
- नशे की लत है तो योग करने से उसका प्रभाव कम हो जाएगा। एनर्जी बढ़ेगी और इच्छाशक्ति आएगी। रेगुलर प्राणायाम करने से इम्यून पावर बढ़ेगा
- प्रेग्नेंसी में कौन-कौन से आसन करने चाहिए?
- ताड़ासन, लेटकर कटिचक्रासन, उत्तान पादासन, लेटकर सेतुबंधासन, बज्रासन, कागासन बैठकर, अनुलोम-विलोम प्राणायाम, भ्राणायाम, ओम चांट।
- अनुलोम-विलोम प्राणायाम, जय प्राणायाम, कपालभाति, अग्निसार, ताड़ासन, अर्धचक्रासन, उर्ध्वोत्तानासन, उत्तानपादासन, कटचक्रासन, सेतुबंध, पवनमुक्तासन, भुजंगासन, मंटूकासन। (सारे आसन मिलाकर आधे घंटे का है।
- शरीर, बल, सामर्थ्य और ऋतु के हिसाब से योग करना चाहिए, जैसे अभी गर्मी में शीत प्राणायाम, भ्रशिका प्राणायाम कर सकते हैं।
- योग हमेशा इंस्ट्रक्टर के अंडर ही करना चाहिए। अगर ट्रीटमेंट के लिया जा रहा है तो उसके लिए एक्सपर्ट एडवाइज और भी जरूरी है
- दरअसल शाम होने तक हमारा शरीर थक जाता है, ऐसे में हम एकाग्र मन से योग नहीं कर पाते हैं, लेकिन नहीं करने की अपेक्षा शाम में योग करना ठीक तो है ही।
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