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चित्रकूट में नाबालिक लड़कियों का हो रहा है यौन शोषण , दो वक्त के रोटी के लिए करना पड़ता है जिस्म का सौदा


उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में है चित्रकूट यहां गरीब परिवारोंं की छोटी बच्चियों से अवैध खदानों में मजदूरी कराई जा रही है. यही नहीं, उनका यौन शोषण और बलात्कार भी किया जा रहा है.
‘आजतक’ की पत्रकार मौसमी सिंह की रिपोर्ट के अनुसार, यहां पर 12 से 14 साल की बच्चियां अवैध खदानों में काम करने को मजबूर हैं. उन्हें ठेकेदार और बिचौलिये काम देने के नाम पर बुलाते हैं. 300-400 रुपए दिहाड़ी देने की बात कहते हैं. लेकिन साथ में शर्त रख देते हैं. कि उन्हें अपना शरीर भी बेचना होगा. इस तरह ये नाबालिग बच्चियां लगातार रेप का शिकार हो रही हैं.


14 साल की बिंदिया की कहानी

  • महज 14 साल की है बिंदिया (नाम बदला हुआ) जो चित्रकूट के कर्वी में रहती है. पिता नहीं हैं. स्कूल जाने की उम्र में ये बेटी पहाड़ों की खदानों में पत्थर ढोती है. पढ़िए, इस बेटी की जुबानी, यहां के नरकलोक की कहानी.
  • “हम मजबूर हैं, हमें हां करनी पड़ती है. वो हमें काम देते हैं, हमारा शोषण करते हैं, और हमारी दिहाड़ी भी पूरी नहीं देते. जब हम शारीरिक संबंध बनाने की उनकी मांग को नकार देते हैं, तो वो हमें धमकी देते हैं कि काम नहीं देंगे. अगर हमें काम नहीं मिला तो हम खायेंगे क्या? हम हारकर उनकी शर्तें मान लेते हैं.”
  • “ठेकेदारों ने खदानों के पास के टीले के पीछे बिस्तर लगा रखे हैं. वो हमें वहां ले जाते हैं, और बारी-बारी से हमारा यौन शोषण करते हैं. हमें वहां एक-एक करके जाना होता है. जब हम मना करते हैं, तो वो हमें पीटते हैं. दर्द होता है, लेकिन सह लेते हैं. हम और कर भी क्या सकते हैं. दुख़ होता है. फिर मरने का या यहां से भाग जाने का सोचते हैं.”
  • “अगर हम बिना मेकअप किए खदानों में काम करने जाते हैं, तो ठेकेदार हमसे पूछते हैं कि हम अपनी दिहाड़ी के साथ क्या करते हैं. सौ रुपए में कोई क्या ही कर लेगा. हम मार्केट से कुछ चूड़ियां खरीद लेते हैं. अगर कोई वो नहीं पहनता, तो वो लोग पूछते हैं कि हम अपना पैसा कहां खर्च कर रहे है.”


दफई गांव की एक और लड़की ने बताया कि ये ठेकेदार अपना असली नाम उन लड़कियों को नहीं बताते. उसकी मां ने बताया कि कभी डेढ़ सौ तो कभी दो सौ रुपए देकर टरका दिया जाता है. जब बच्चे घर आते हैं तो अपना दुखड़ा बताते हैं. लेकिन वो लोग कुछ कर नहीं सकते. मजदूर हैं. परिवार का पेट भी तो भरना है. लड़की के पिता बीमार हैं, उनका इलाज भी करवाना है. उसने बताया,
मामला सामने आने के बाद चित्रकूट के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट शेषमणि पांडे ने जांच के आदेश दिए हैं.

उत्तर प्रदेश कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स के चेयरपर्सन डॉक्टर विशेष गुप्ता ने कहा कि इस मामले का संज्ञान लिया गया है और जांच के लिए टीम भेजी जाएगी.
चित्रकूट के ASP आर एस पांडे ने कहा कि उन्हें इस तरह की किसी घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है. कहा कि वे और उनकी टीम पूरी तरह सजग हैं. गांव के गार्ड्स को नज़र रखने की हिदायत दी है कि वो गांव में हो रही हर घटना को रिपोर्ट करें.

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