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हाथरस केस: गवाहों की सुरक्षा और जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त, मांगा जवाब


दिल्ली। हाथरस गैंगरेप की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। मामला अब भारत के सर्वोच्च न्यायालय तक पहुँच गया है। केंद्रीय जांच एजेंसी CBI या विशेष जांच दल (SIT) से जांच की मांग करने वाली याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी। रामसुब्रमण्यम की बेंच कर रही है। अदालत ने घटना को चौंकाने वाला और भयावह बताया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सुनिश्चित करेगा कि हाथरस बलात्कार मामले की घटना की जांच सुचारू रूप से संचालित हो। अदालत ने मामले में गवाहों की सुरक्षा के प्रयासों पर उत्तर प्रदेश सरकार से एक और हलफनामा भी मांगा है। अदालत ने सरकार से गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते करेगा। दिल्ली निवासी सत्यम दुबे, विकास ठाकरे, रुद्र प्रताप यादव और सौरभ यादव ने यह याचिका दायर की है।

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा है कि राज्य में गवाहों की सुरक्षा के लिए क्या योजनाएं हैं। क्या परिवार ने वकील नियुक्त किया है? मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने यूपी सरकार से तीन मुद्दों पर पूछा - गवाहों और परिवार की सुरक्षा, क्या पीड़ित के पास वकील है और इलाहाबाद उच्च न्यायालय की स्थिति क्या है। इसमें एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा है। सुनवाई के दौरान, यूपी सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमने हलफनामा दायर किया है। हम याचिका का विरोध नहीं करते हैं।

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