यूपी में शराब की दुकानें लॉटरी सिस्टम से जारी होंगी, आबकारी नीति को कैबिनेट की मंजूरी
सरकार को मोटी कमाई
उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग सरकार का राजस्व सरकारी विभागों में सबसे ज्यादा रहा है. वित्त वर्ष 2024-25 में आबकारी विभाग ने 29 हजार शराब की दुकानों के लाइसेंस दिए थे. इनमें 6700 अंग्रेजी शराब की दुकानें, 16400 देसी और 5900 बीयर शॉप शामिल हैं. सरकार ने शराब बिक्री से 58 हजार 310 करोड़ रुपये राजस्व का टारगेट रखा है. दिसंबर तक करीब 40 हजार करोड़ रुपये का राजस्व पूरा किया जा चुका है.सरकार ने बजट के पहले ही शराब नीति को मंजूरी दे दी है, ताकि बजट में आबकारी विभाग से होने वाली अनुमानित आय का लक्ष्य रखा जा सके.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को लखनऊ में कैबिनेट बैठक हुई. सीएम आवास पर कैबिनेट बैठक में वरिष्ठ मंत्री शामिल हुए. इस बैठक में आबकारी नीति समेत 11 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यूपी सरकार ने 2025-26 की आबकारी नीति को मंजूरी दी है. इससे उत्तर प्रदेश में अंग्रेजी शराब की दुकान, बीयर शॉप या अन्य वाइन शॉप का आवंटन लॉटरी सिस्टम के जरिये किया जाएगा. आबकारी विभाग की नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ये फैसला हुआ है.
सरकार ने पहले ही संकेत दिया था कि शराब कारोबारियों के लिए नई नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया जाएगा. यूपी में शराब की दुकानों के मालिक लंबे समय से लाइसेंस नवीनीकरण की मांग कर रहे थे. हालांकि लॉटरी सिस्टम से शराब के दाम बढ़ेंगे या नहीं, ये अभी तय नहीं है.
उत्तर प्रदेश की आबकारी नीति अमूमन दिसंबर या जनवरी में स्वीकृत होती रही है. हालांकि इस बार महाकुंभ मेला और मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव की आचारसंहिता के चलते इसमें देरी हुई. सरकार किसी जल्दबाजी में दुकानों की लाइसेंस प्रक्रिया को हरी झंडी नहीं दिखाना चाहती थी. यूपी में शराब की बिक्री का राजस्व लक्ष्य करीब 58 हजार करोड़ रुपये रखा गया है.
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