Budget 2025: बजट में रेलवे को लेकर हुआ बड़ा फैसला, जानें 5 खास बातें
बजट में रेलवे से जुड़ी 5 खास बातें
- रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 4 लाख 60 हजार करोड़ रुपये इस नए प्रोजेक्ट के लिए जारी किया गया है। रेल सेफ्टी के लिए इस साल 1 लाख 16 हजार करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट बजट में रखा गया है।
- अभी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन पर काम चल रहा है। इसके आने के बाद कुल 50 वंदे भारत स्लीपर ट्रेन लाए जाने की सुविधाएं यात्रियों को मिलेंगी। साल 2025 से 2027 तक इस बार काम पूरा हो सकता है।
- रेलवे की फूड क्वालिटी में इम्प्रूवमेंट लाने के लिए 600 के करीब बेस किचन पर काम किया जाएगा।7,000 करोड़ रुपये की भारी रकम, रोड ओवर ब्रिज/रोड अंडर ब्रिज के निर्माण के लिए आवंटित किया गया है।
- 32,235.24 करोड़ रुपये की राशी नई रेल लाइन बिछाने के लिए आवंटित किया गया है। कुल राशि 32,000 करोड़ रुपये रेल लाइनों के दोहरीकरण के लिए आवेदन किया गया है।
- 57,693 करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण बजट रोलिंग स्टॉक के लिए आवंटित किया गया है। इसके अलावा 1,16,514 करोड़ रुपये की राशि सुरक्षा संबंधी कार्यों के लिए आवंटित किया गया है।
- IRCTC की आधिकारिक वेबसाइटx.com पर बजट को लेकर खास जानकारी दी गई है।
देश में यात्रियों को ट्रेन से सफर करने में हो रही परेशानियों को सुधारने के लिए बजट में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। स्पीच में भले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुंह से आपने रेलवे पर जिक्र करते हुए न सुना हो। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्होंने ट्रेन से सफर करने वाले लोगों के लिए कुछ नहीं किया है। रेलवे को लेकर इस साल 2.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। आने वाले 2 से 3 सालों में रेलवे कई नई ट्रेनों की शुरुआत करने वाला है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बजट में रेलवे के लिए की गई सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
इस साल के बजट में रेलवे को कई नए ट्रेनों की सौगात मिलने वाली है। जिसमें बताया जा रहा है कि आने वाले 3 सालों में देश को 200 नई वंदे भारत ट्रेन मिल सकती है। इसके साथ ही, 100 अमृत भारत ट्रेन और 50 नमो भारत रैपिड रेल लाने की बात कही जा रही है। इन ट्रेनों के अलावा आम यात्रियों के लिए भी ट्रेनें लाई जाने की बात की जा रही है। इसमें 17,500 जनरल नॉन-एसी कोच जोड़ने की बात कही गई है। दरअसल, जनरल और स्लीपर कोच जैसे डिब्बों में भीड़ को देखते हुए यह फैसला लिया जा रहा है। क्योंकि, इस समय हाल ऐसे हैं कि अब त्योहार नहीं भी होते, तो भी ट्रेनों में बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। स्लीपर और जनरल डिब्बों में चढ़ना भी मुश्किल हो जाता है।
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