हाथ में लोटा और तीर : ट्रेनिंग करने पहुंचा टीचर, वजह जान अधिकारियों को उड़े होश।
महाराजगंज के बेसिक शिक्षा विभाग से एक हैरान करने मामला सामने आया है. सनातन धर्म के अनुसार, हर पिता की इच्छा होती है कि मरने के बाद उनका बेटा उनके कर्मकांड को विधिपूर्वक करे. इससे पिता की आत्मा को मोक्ष मिलता है और बेटे को पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है. लेकिन महाराजगंज में एक ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने सभी को झकझोर दिया.
यह घटना तब हुई जब एक सहायक अध्यापक, रामजी विश्वकर्मा, अपने पिता की मृत्यु के बाद छुट्टी न मिलने के कारण हाथ में जल से भरा लोटा और तीर लेकर ट्रेनिंग में पहुंच गए. यह घटना जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) महाराजगंज में डिजिटल लिटरेसी कोडिंग ट्रेनिंग के दौरान हुई. रामजी विश्वकर्मा फरेंदा ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय निरनाम पश्चिमी में तैनात हैं.
बताया जा रहा है कि बीते शनिवार को रामजी विश्वकर्मा के पिता का देहांत हो गया था. उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी से अवकाश के लिए अनुरोध किया, लेकिन उन्हें बताया गया कि वे क्रिटिकल लीव ले सकते हैं, जिसकी वार्षिक सीमा 14 दिन होती है. रामजी विश्वकर्मा पहले ही इस अवकाश का उपयोग कर चुके थे. उन्होंने मेडिकल लीव लेने का प्रयास भी किया, लेकिन वे पूरी तरह स्वस्थ थे. उच्चाधिकारियों के आदेश के तहत उन्हें ट्रेनिंग में उपस्थित होना अनिवार्य समझा गया, इसलिए वे तीर और लोटा लेकर बुधवार को डायट पर प्रशिक्षण के लिए पहुंच गए.
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